विधायकों के धरने को मंगलवार को चौथा दिन है। इससे पहले विधायकों ने 27, 28 जून और एक जुलाई को भी विधानसभा परिसर में धरना दिया था। पश्चिम बंगाल के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने मंगलवार को भी विधानसभा परिसर में धरना प्रदर्शन जारी रखा।

विधायकों की मांग है कि उन्हें राजभवन के बजाय विधानसभा में शपथ दिलाई जाए। बारानगर से विधायक सयांतिका बंदोपाध्याय और भागबंगोला के विधायक रैयत हुसैन सरकार ने लोकसभा चुनाव के साथ हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। हालांकि अभी तक दोनों विधायकों का शपथ ग्रहण नहीं हुआ है। दोनों विधायकों ने राजभवन में शपथ लेने से इनकार कर दिया है।

विधायकों के धरने को मंगलवार को चौथा दिन है। इससे पहले विधायकों ने 27, 28 जून और एक जुलाई को भी विधानसभा परिसर में धरना दिया था। गौरतलब है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बीते बुधवार को दोनों विधायकों को राजभवन आमंत्रित किया था ताकि दोनों को शपथ दिलाई जा सके। हालांकि विधायकों ने आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। दरअसल राज्यपाल पर यौन दुराचार के आरोपों के चलते नवनिर्वाचित विधायकों ने राजभवन जाकर शपथ ग्रहण करने से इनकार कर दिया। उनकी मांग है कि राज्यपाल विधानसभा में किसी को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी दें। इससे गतिरोध की स्थिति पैदा हो गई है।
राज्यपाल ने अभी तक विधानसभा में किसी को भी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी नहीं सौंपी है। स्पीकर बिमान बनर्जी ने राज्यपाल पर इस मुद्दे को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया है। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस गतिरोध को समाप्त करने की अपील की है। वहीं राज्यपाल का कहना है कि यह उनका अधिकार क्षेत्र है कि किसी को शपथ के लिए अधिकृत करना है या नहीं।