Wednesday, March 12, 2025

तृणमूल सांसदों का प्रतिनिधिमंडल सेबी के अधिकारियों से मिला, बाजार में कथित हेराफेरी की जांच की मांग…..

सेबी के अधिकारियों से मिलने वाले तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल थे। उनके साथ शिवसेना यूबीटी सांसद अरविंद सावंत और एनसीसीएसपी की पूर्व विधान पार्षद विद्या चौहान भी सेबी अधिकारियों से मिले।

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के अधिकारियों से मुलाकात कर शेयर बाजार में कथित हेरफेर में जांच कराने की मांग की। विपक्ष नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में एग्जिट पोल के बाद शेयर बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। 

स्टॉक में कथित हेरफेर की शिकायत सेबी से करने पर शिव सेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत ने कहा कि जिन एजेंसियों के कारण आम आदमी के 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ वही एजेंसियां एफआईआई और एग्जिट पोल के लिए काम कर रही हैं। उनके साथ ये जुड़ाव एक गंभीर बात है जिसकी जांच होनी चाहिए। मुंबई में टीएमसी, यूबीटी और एनसीपी नेताओं ने कथित शेयर बाजार में हेरफेर को लेकर सेबी के बाहर विरोध प्रदर्शन और नारे भी लगाए।

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इससे पहले मंगलवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। पवार ने इस महीने की शुरुआत में एग्जिट पोल के बाद शेयर बाजार में कथित हेरफेर की जांच की तृणमूल की मांग का समर्थन किया था।लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने एग्जिट पोल के जरिए शेयर बाजार में हेरफेर का आरोप लगाकर जांच की मांग की थी।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सबसे बड़े शेयर बाजार घोटाले में सीधे तौर पर शामिल हैं। कांग्रेस नेता ने इसे शेयर बाजार का सबसे बड़ा घोटाला बताया था। उन्होंने कहा था कि इस महीने की शुरुआत में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बाजार में गिरावट के कारण खुदरा निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि भाजपा ने विपक्षी नेताओं के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था।

सेबी के अधिकारियों से मुलाकात के बाद तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि सेबी का शानदार इतिहास रहा है। हमें सेबी पर भरोसा है इसलिए हमने नियामक से एग्जिट पोल के बाद शेयर बाजार में किए गए हेरफेर की जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की है कि एग्जिट पोल लाने वाले एजेंसियों और राजनेताओं के साथ कोई संपर्क है या नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए।

तृण सांसद ने कहा कि एग्जिट पोल के बाद 3 जून को शेयर बाजार में बढ़त दिखी थी। उसके बाद चुनाव परिणाम के दिन 24 घंटे में ही बाजार धराशाई हो गया और निवेशकों को करीब 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने दावा किया कि इससे कुछ राजनेताओं के परिवारों ने करोड़ों रुपये की कमाई की।

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