
प्रधानमंत्री की जनसभा में पंडाल खचाखच भरा हुआ था। बड़ी संख्या में लोग पंडाल के बाहर तपती धूप में खड़े थे, तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना समय गंवाए धूप में खड़े लोगों से कहा कि मैं क्षमा मांगता हूं, हमारा पंडाल छोटा पड़ गया और आपको धूप में खड़ा होना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि याद रखिए इसे ब्याज सहित लौटाऊंगा। आपने मोदी पर जो विश्वास जताया है उसे बरकरार रखूंगा। आपकी आकांक्षाओं पर खरा उतरूंगा, यह मोदी की गारंटी है। इतना सुनकर उत्साहित भीड़ ने नारे लगाकर प्रधानमंत्री को प्रतिक्रिया दी।
मोदी ने कहा कि धूप में खड़े लोग देश के लिए खड़े हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं तब तक भारत का मान झुकने नहीं देंगे। आपका यही त्याग मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। बस्ती ऋषि वशिष्ठ और राम की भूमि है, यह त्याग और तपस्या की धरती है। मैं यहां जब भी आता हूं तो मुझे दोगुनी ताकत से काम करने की प्रेरणा मिलती है।