ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की बैठक में बिजली के दामों पर चर्चा हो रही थी कि अचानक कांग्रेस नेता ने राजनीतिक टिप्पणी कर दी। इस पर भाजपाई भड़क गए और हंगामा हो गया।

चंडीगढ़ में बिजली के दाम बढ़ेंगे या नहीं, यह तय करने के लिए ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) ने शुक्रवार को सुनवाई रखी थी। सेक्टर-10 के गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी का ऑडिटोरियम लोगों से खचाखच भरा था।
एक-एक कर सब अपनी बात रख रहे थे लेकिन अचानक कांग्रेस नेता की ओर से राजनीतिक टिप्पणी करने की वजह से माहौल खराब हो गया। भाजपा ने विरोध किया। भारी हंगामे के बीच धक्का-मुक्की तक हो गई। यह सब देखकर जेईआरसी के चेयरमैन ने सुनवाई को रोक दिया और उठकर चले गए।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने दाम बढ़ाने का विरोध किया और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने गरीबों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की भी मांग उठाई। कहा कि विभाग का निजीकरण किसकी सरकार में हो रहा था। ये सभी को पता होना चाहिए। इसके बाद कहा कि चार जून के बाद एक पार्टी के इशारे पर कई काम हो रहे हैं। यह बोलते ही ऑडिटोरियम के अंदर बैठे भाजपा नेता खड़े हो गए।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने विरोध किया। कहा कि यह राजनीति का मंच नहीं है। ऐसी बातें नहीं बोलनी चाहिए। आप की पार्षद प्रेम लता, सपा नेता विक्रम यादव समेत कई में बहस हो गई। पुलिस अंदर आई। धक्का मुक्की हुई। किसी तरह सभी को समझा कर बिठाया गया। कुछ देर बाद सूद की बोलने की बारी आई। उन्होंने बढ़े दामों का विरोध करने के बाद अंत में मनीष तिवारी और मेयर के गैरहाजिर होने पर सवाल उठाए। दोबारा फिर हंगामा शुरू हो गया। यह देख जेईआरसी के चेयरमैन आलोक टंडन ने सुनवाई रोक दी और उठकर चले गए।