उज्जैन की एक छात्रा को कक्षा 10 में पूरक आई थी। वह परीक्षा नहीं दे सकी तो अवसाद से ग्रसित हो गई। छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

पढ़ाई बच्चों पर इतना बोझ बन चुकी है कि परीक्षा का परिणाम पूरक या अनुत्तीर्ण आने पर बच्चे अब आत्मघाती कदम उठाने लगे हैं। उज्जैन के नीलगंगा थाना क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एक छात्रा को कक्षा 10 में पूरक आई थी। उसने इस परीक्षा के लिए फॉर्म भी भरा था। किसी कारण से वह पूरक परीक्षा नहीं दे सकी। इसके बाद वह अवसाद से ग्रसित हो गई। छात्रा ने घर में रखा जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी।
नीलगंगा थाना क्षेत्र स्थित गधा पुलिया के समीप रहने वाली दसवीं की छात्रा वर्षा परमार ने पूरक परीक्षा नहीं दे पाने के कारण गेहूं में रखने की दवा खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। परिजनों ने बताया कि वर्षा विनय आदर्श स्कूल में पढ़ती थी। दसवीं की परीक्षा में उसे पूरक आई थी। पूरक परिक्षा का फॉर्म भरने के बाद भी वर्षा एग्जाम नहीं दे सकी तो उसने यह कदम उठाया और अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मामले में नीलगंगा थाना पुलिस जांच कर रही है। शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौप दिया गया है।