
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी के ध्यान मंडपम में 45 घंटे तक ध्यान लगाया। वो वहां से वापस दिल्ली के रवाना हो चुके हैं। उन्होंने विवेकानंद स्मारक की विजटर बुक में अपना संदेश लिखा। पीएम ने लिखा कि उन्हें यहां आकर अलौकिक और अद्भुत ऊर्जा का अनुभव हुआ। पीएम मोदी ने विजिटर बुक में क्या लिखा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजिटर बुक में लिखा, ‘भारत के अंतिम छोर कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद शिला स्मारक में आकर मैं एक अलौकिक और अद्भुत ऊर्जा का अनुभव कर रहा हूं। इसी शिला पर मां पार्वती और स्वामी विवेकानंद जी ने तपस्या की थी। आगे चलकर इस शिला स्मारक के रूप में एकनाथ रानडे जी ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को जीवंत कर दिया।’ पीएम ने आगे लिखा, ‘आध्यात्मिक नवजागरण के प्रणेता विवेकानंद जी मेरे आदर्श, मेरी ऊर्जा और मेरी साधना के स्त्रोत रहे हैं।
। वर्षों पूर्व पूरे देश का भ्रमण करने के बाद जब स्वामी विवेकानंद जी ने इस स्थान पर आकर तप किया था, तो यहीं पर उन्हें भारत के पुनरुत्थान की एक नई दिशा प्राप्त हुई थी। यह मेरा सौभाग्य है कि आज इतने वर्षों के बाद जब स्वामी जी के मूल्यों और आदर्शों पर चलते हुए उनके सपनों का भारत आकार ले रहा है। तो मुझे भी इस पवित्र स्थान पर साधना का अवसर मिला है।

उन्होंने आगे लिखा, ‘इस शिला स्मारक में मेरी यह साधना मेरे जीवन के अविस्मरणीय क्षणों में से एक है। मां भारती के चरणों में बैठकर आज मैं एक बार फिर से संकल्प दोहराता हूं कि मेरे जीवन का पल-पल और शरीर का कण-कण सदैव राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहेगा। राष्ट्र की उन्नति और देशवासियों के कल्याण की कामना के साथ मां भारती को कोटि-कोटि नमन।’